Friday 31 July 2015

खुदा करे तू मेरी मुहब्बत का आइना हो जाए

१.


खुदा करे तू मेरी मुहब्बत का आइना हो जाए

जब भी आईने में खुद को देखूं , रोशन
मुहब्बत हो आये


२.

चंद वादे निभा न सके वो इश्क में

खुद को मुहब्बत का खुदा कहते हैं


3.

उम्र हुई कि अब तराजू को संभालें कैसे

आया अब नई पीढ़ी का दौर है


4.

आँखें  वहीं जो कुरआन की आयत पढ़ा करें 

दिल वही जो हर पल खुदा की इबादत किया करे 

5

चार पल की जिन्दगी में ये भागमभाग क्यों

क्या मैं लाया था और क्या लेकर जाऊंगा


६.

खुशी का पता - ठिकाना कहाँ है बताओ
मुझको

इस शहर में मुझको हर शख्स ग़मगीन नज़र
आता है


7.


गिरते को सहारा देता है आज कौन

वो दौर कुछ और था. , ये दौर है कुछ और






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