Sunday, 12 July 2015

निष्ठुर न बनो कान्हा

निष्ठुर बनो न कान्हा

निष्ठर बनो न कान्हा, मेरी बिगड़ी बना दो
मेरी किस्मत के तारे, आसमां पर सजा दो.

हर - पल तुझे मैं ढूंढूं - मुझको दरश दिखा दो.
निष्ठ॒र बनो न कान्हा , मेरी बिगड़ी बना दो

मुझ निर्बल को प्रभु, बल से सजा दो
मुझ निर्धन को प्रभु, भक्ति मार्ग दिखा दो

चरणों में अपने प्रभु , मुझको जगह दिला दो.
निष्ठर न बनो कान्हा , मेरी बिगड़ी बना दो

आडम्बर की इस दुनिया से , मुझको प्रभु बचा लो
अवगुण मेरे जीवन से , मेरे प्रभु मिटा दो

जीवन की सच्ची राह , मुझको प्रभु दिखा दो
निष्ठ॒र न बनो कान्हा , मेरी बिगड़ी बना दो

वि अपनी प्रभु, दिल में मेरे बसा दो.
बंशी की धुन पर , हमको प्रभु नचा दो

हे कान्हा मेरे प्रभु, मोक्ष की राह दिखा दो
निष्ठ॒र न बनो कान्हा , मेरी बिगड़ी बना दो

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