गज़ल
तुझे दर्दे गम से मिलाऊँ क्या , तुझे दर्दे गम मैं सुनाऊँ क्या
जी रहा हूँ मैं तेरी याद में, तन्हाइयों से मैं मिलाऊँ क्या
बिस्तर की सिलवटों से पूछो , दिल की बेचैनी मैं सुनाऊँ क्या
पल--पल की बेचैनी न पूछो , ख्वाहिशे मुहब्बत मैं बताऊँ क्या
उस खुदा से कुछ मुझे गिला नहीं, उसकी बेवफाई मैं बताऊँ क्या
बरसों से देखा जिसे नहीं , पता उसका मैं बताऊँ क्या
गुलशन में फूल जिसके खिले नहीं, उसे खुशबू से मैं मिलाऊँ क्या
खूबसूरत दिन, खूबसूरत रातें , कहते हैं किसे
मुझे साथ उसका मिला नहीं , तनहा रातें मैं बताऊँ क्या
मैं मुहब्बत बयाँ न कर सका , दर्दे दिल की दास्ताँ मैं सुनाऊँ क्या
उसकी आँखें कुछ कह रहीं, क्या कह रही हैं मैं बताऊँ क्या
उनका वो मुस्कुराना याद है , इस दिल पर क्या गुजरी मैं बताऊँ क्या
उनकी हर एक अदा पर हम मर मिटे, ये राज़ तुमको मैं बताऊँ क्या
उनके दीदार को तरसती आँखें , ये बेकरारी मैं बताऊँ क्या
इंतज़ार तेरा भा गया मुझे, इस एहसास को मैं बताऊँ क्या
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