कोरोना
मंदिर मस्जिद चर्च और
गुरद्वारों पर पड़े हैं ताले
तुझे ढूंढें तो कहाँ , ऐ दुनिया के
रखवाले
पीर दिल की बयां करे तो किसको करे कोई
अपनी एक झलक दिखला जा ऐ दुनिया के
रखवाले
कोरोना की मार का दर्द तुझसे छिप सकता
नहीं
अपने बन्दों पर करम कर , ऐ दुनिया के
रखवाले
माँ की चीख , स्त्री का रुदन , तुझे भी
परेशां करता होगा
अपनी शख्सियत का जलवा दिखा जा , ऐ
दुनिया के रखवाले
तुझसे अपने रिश्तों की दुहाई दे रहा हर
एक शख्स
सबके दर्द को अपना दर्द समझ , ऐ दुनिया
के रखवाले
तरस रहे एक – एक निवाले को तेरे चाहने
वाले
उन सबकी भूख मिटा जा , ऐ दुनिया के
रखवाले
क्यूं कर टूट जाए , ये साँसों का सफ़र
जीने की प्यास जगा जा , ऐ दुनिया के
रखवाले
क्यूं कर टूट रही जीने की हर एक आस इस
त्रासदी में
कोरोना के इस त्रास में जीने की आस जगा
जा , ऐ दुनिया के रखवाले
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