Friday, 17 April 2020

कोरोना


कोरोना

         मंदिर मस्जिद चर्च और गुरद्वारों पर पड़े हैं ताले
तुझे ढूंढें तो कहाँ , ऐ दुनिया के रखवाले

पीर दिल की बयां करे तो किसको करे कोई
अपनी एक झलक दिखला जा ऐ दुनिया के रखवाले

कोरोना की मार का दर्द तुझसे छिप सकता नहीं
अपने बन्दों पर करम कर , ऐ दुनिया के रखवाले

माँ की चीख , स्त्री का रुदन , तुझे भी परेशां करता होगा
अपनी शख्सियत का जलवा दिखा जा , ऐ दुनिया के रखवाले

तुझसे अपने रिश्तों की दुहाई दे रहा हर एक शख्स
सबके दर्द को अपना दर्द समझ , ऐ दुनिया के रखवाले

तरस रहे एक – एक निवाले को तेरे चाहने वाले
उन सबकी भूख मिटा जा , ऐ दुनिया के रखवाले

क्यूं कर टूट जाए , ये साँसों का सफ़र
जीने की प्यास जगा जा , ऐ दुनिया के रखवाले

क्यूं कर टूट रही जीने की हर एक आस इस त्रासदी में
कोरोना के इस त्रास में जीने की आस जगा जा , ऐ दुनिया के रखवाले



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