तिनका – तिनका
तिनका - तिनका जोड़ कर एक महल बनाया था
आंधी आई एक पल में, सब कुछ बिखर गया
तिनका – तिनका जी रहा हूँ , उम्मीदों के सागर
में
मेरी कोशिशों , मेरे प्रयासों को न लगे किसी की
नज़र
तिनका – तिनका कोशिश कर , तुम महल सजा लेना
अपनी चाहतों का एक खुशनुमा आशियाँ सजा लेना
तिनका – तिनका प्रयासों को अपनी जागीर बना
खिल उठेगी एक नई सुबह, तेरे भी जीवन में
तिनका - तिनका सहेज रहा हूँ अपनी जिन्दगी के पल
क्या जाने कब ? , जिन्दगी की शाम हो जाए
तिनका – तिनका सजा रहा हूँ अपनी आरज़ू का महल
मेरी इस आरज़ू को खुदा की इनायत नसीब हो जाए
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