मेरे हर एक दर्द में
मेरे हर एक दर्द में , मेरा सहारा है वो
बीच मझधार में , किनारा है वो
खुशियों के पल , भूल जाते हैं जिसे लोग
मेरा खुदा , मेरा प्यारा है वो
जिसके रहमो - करम पर , पल
रही दुनिया
मेरे हर एक गम में , मेरा सहारा है वो
दिल से याद करो , तो करीब नज़र आता है वो
नम करता है आँखें , तो मुस्कुराहट भी लाता है वो
भटकता है जब मानव , राह दिखाता है वो
कभी गम , कभी खुशियों का समंदर लाता है वो
उसके दर पर , जब भी कोई जाता है
अपनी बाहों को , उसका सहारा बनाता है वो
मैं जब भी उसे , दिल की गहराइयों से याद करता हूँ
मेरी हर एक कोशिश में , नज़र आता है वो
मेरे हर एक गम हर एक दर्द में , मेरा सहारा है वो
कभी लहरों पर पतवार, तो कभी किनारा है वो
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