Monday, 18 December 2017

ये जिन्दगी है चार पल की

ये जिन्दगी है चार पल  की

ये जिन्दगी है चार पल  की
प्यार से गुजार दो

हो सके तो प्यार दो
हो सके तो प्यार लो

किसी को अपना लो
किसी के हो जाओ

गीत मुहब्बत के
गुनगुनाते जाओ

किसी के गम को
हो सके तो अपना लो

किसी की राहों में
हो सके तो फूल बिछा दो

किसी के गम में
खुद को शामिल्र करो

किसी को अपनी ख़ुशी का
हिस्सा बना लो

खुदा की राह में
हो सके तो कुछ पल  गुजार लो

किसी के हो जाओ
किसी को अपना लो

खुदा की राह में भी
लिखों कुछ गीत
हो सके तो
उस खुदा के हो जाओ

'चाक दामन , पाक रिश्ते
हर शख्स में खुदा को ढूंढ

'चंद आशार ( अश'आर )  ही सही
उस खुदा की तारीफ मैं लिख जाओ

किसी के होठों की
मुस्कराहट हो जाओ

किसी के दर्द में
उसका हमसफर हो जाओ

हो सके तो
गर्म के पूँट पी लो

हो सके तो
खुशियों का समंदर सजा दो

खिला दो कुछ फूल
इस जहां में खुशियों के

गीत  सुहब्बत के
हो सके तो गुनगुनाओ

भूल जाओ कभी
गिरे थे तुम भी.

हो सके तो
किसी का सहारा हो जाओ

आसमां को छू लो
या आसमां को ज़र्मी पर ले आओ

रिश्तों की मर्यादा कायम रखो
रिश्तों को अपना लो

ये जिन्दगी है चार पल  की
प्यार से गुजार दो

हो सके तो प्यार दो
हो सके तो प्यार लो

किसी को अपना लो
किसी के हो जाओ





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