मुझे पसंद
नहीं
खंदहाए – बेजा
मुझे पसंद नहीं है
शिगुफ्ताने – गुल हाए नाज़
मुझे भाती नहीं है
नवा – ए – मुर्गे गिरिफ्तार
मुझे ग़मगीन करता है
खलिशे खार
मुझे रुला जाती है
काविशे गमे हिजरां
मुझसे सहन नहीं होता
महशरे
ख्याल से
मेरी रूह काँप जाती है
गमे फिराक
मुझे रुला जाता है
कोई तो गमे फिराक से
दिलाओ निजात
कोई तो मेरी अंजुमन में
रौनक भर दो
कोई तो काविशे गमे हिजरां से
निजात दिलाओ............
मुख्य –
मुख्य शब्दों के अर्थ :-
खंदहाए – बेजा = अकारण हंसना
शिगुफ्ताने – गुल हाए नाज़ = अभिमानी फूलों की मुस्कान
नवा – ए – मुर्गे गिरिफ्तार = कैद पक्षी का रुदन
खलिशे खार = कांटे की चुभन
काविशे गमे हिजरां = वियोग का दुःख
महशरे ख्याल से =
प्रलय की कल्पना
गमे फिराक = विरह दुःख
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