शिक्षक
जीवन में ज्ञान रस घोल गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
जीने की राह दिखा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
पुस्तकों से परिचय करा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
मन में समर्पण का भाव जगा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
ज्ञान के सागर में गोता लगाना सिखा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
देश प्रेम की भावना मन में जगा जीवन संवार गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
जीवन में अनुशासन का महत्व बता गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
अंधविश्वासों के मोहजाल से बाहर कर जीवन सजा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
पालने में अज्ञान के झूल रहा था अब तक
जीवन में ज्ञान के चार चाँद लगा गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
अनुशासन की बेडी पहना मेरा जीवन संवार गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
नैतिकता के मूल्यों का गहना उस पर मानवता का चोला
पहना
पूर्ण मानव बना गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
किस्मत में न थे
जिसकी धरा के मोती उसे आसमान का सितारा बना गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
उसे शिक्षक कह गया कोई
No comments:
Post a Comment