वहाँ दीया जलाओ
वहाँ दीया जलाओ
जहां वीरों की समाधि हो
वहाँ पुष्प चढ़ाओ
जहां वीरों की समाधि हो
वहाँ दीया जलाओ
जहां सरस्वती का निवास हो
जहां सरस्वती का वास हो
वहाँ दीया जलाओ
जहां ज्ञान का प्रसार हो
वहाँ पुष्प चढ़ाओ
जहां शिक्षा की आस हो
जहां पीरों का निवास हो
वहाँ पुष्प चढ़ाओ
जहां पीरों का वास हो
वहाँ दीया
जलाओ
जहां देवों का निवास हो
वहाँ पुष्प चढ़ाओ
जहां देवताओं का वास हो
वहाँ दीया जलाओ
जहां पुण्य आत्माओं
का निवास हो
जहां पुण्य आत्माओं का वास हो
दीया जला पुष्प चढ़ा
अपने अन्तर्मन को सजा
सुसंस्कारों की माला बन
इस पुण्य धरा को वर
सत्य मार्ग को तू वर
जीवन संवार ले
चारों ओर बहार आ जाए
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