मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
सद्विचार
आत्म मंथन या आत्म चिंतन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो अनायास या जान बूझकर की गयी गलतियों का बोध कराते हुए आपको उत्तम दिशा की ओर अग्रसर करने में आपकी सहायक होती है l एक निश्चित अंतराल पर आत्म चिंतन अवश्य करते रहा करें l
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