Friday, 13 January 2023

छन्न पकैया – छन्न पकैया – व्यंग्य - कविता

 छन्न पकैया – छन्न पकैया – व्यंग्य - कविता 

छन्न पकैया – छन्न पकैया
छन्न पे बैठा मोर

नेता सारे खा रहे
पेंशन झकझोर

पेंशन झकझोर
कि नीयत भरे न इनकी

मुद्दों से भटकाते जनता को
चुनाव के वक़्त मचाते शोर

चुनाव के वक़्त मचाते शोर
कि जनता वादों से हो गयी बोर

कि जनता वादों से हो गयी बोर
कि कब तक इनको झेलें भैया

कि कब तक इनको झेलें भैया
डूब रही जनता की नैया

डूब रही जनता की नैया
कौन है इनको खेवैया

कौन है इनको खेवैया
वोट की कीमत जानो

वोट की कीमत जानो
नेताओं को सबक सिखाओ

नेताओं को सबक सिखाओ
इनको कुर्सी से गिराओ

इनको कुर्सी से गिराओ
बेचारी जनता को बचाओ

बेचारी जनता को बचाओ
इन सबको काम दिलाओ

इन सबको काम दिलाओ
देश की अखंडता को बचाओ

देश की अखंडता को बचाओ
देश को आगे बढ़ाओ

देश को आगे बढ़ाओ
धर्म की राजनीति से बचाओ

धर्म की राजनीति से बचाओ
अपने दम पर आगे बढ़ो

अपने दम पर आगे बढ़ो
अपने दम पर आगे बढ़ो

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