दिल अब भी रोता है मेरा
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
फांसी के फंदों पर झूलते उन वीरों
की
उनकी माओं की सिसकती साँसों पर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
जो जवां भी न हो सके और हो गए
शहीद
उनके बलिदान उनकी वीर गाथाओं पर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
जिनकी पायल की छमछम सा मधुर स्वर
खो गया कहीं अन्धकार में
जिनकी चूड़ियों की खनक पर लगा गया
विराम उन बहनों की व्यथा पर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
वो पिता जिनके बेटों ने खुद को कर
दिया देश पर कुर्बान
उनकी ग़मगीन साँसों पर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
पीड़ाओं के समंदर में जो डूबे
उनकी मौत पर आज हो रही राजनीति को
देखकर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
क्यूं कर भूल जाते हैं लोग उनकी
वफाओ का सिला
क्यूं कर राजनीति की गर्म रोटियाँ
सेकने में व्यस्त हैं नेता
उन मादरे वतन के शहीदों , उनकी क्षत्राणी माँ के लालों
की शहादत पर
मगरमच्छी आंसू बहाते नेताओं को
देखकर
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
शहादत उनकी बनी हमारी आजादी का
सबब
क्यूं कर उनकी शहादत को मुकाम न
मिला
पीर दिल की किसी को सुनाऊँ कैसे
उनकी शहादत के ज़ज्बे से इन नेताओं
को मिलाऊँ कैसे
उन वीरों की शहादत को सलाम है
मेरा
उन वीरों के बलिदान को प्रणाम है
मेरा
दिल अब भी रोता है मेरा
दिल का हर एक कोना सिसकता है मेरा
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