Wednesday, 9 December 2020

अंदाज़े बयाँ

 

अंदाज़े बयाँ

 

1.

ख्वाहिशों के समंदर में आखिर डूबना ही क्यों

उठने की चाह में आखिर बार  - बार गिरना ही क्यों

 

२.

मेरी कलम को अपने अमानत कर ऐ मेरे खुदा

मेरे अल्फाजों को अपनी इबादत कर ऐ मेरे खुदा

 

३.

आगाज़ तेरी हर सुबह का इबादत से हो तो अच्छा हो

तेरी हर एक कोशिश पर खुदा की इनायत हो तो अच्छा हो

 

4.

आजमाइशों में न उलझ , कोशिश को परवान दे

अंजाम की परवाह न कर , अपनी कोशिशों को आसमान दे

 

5.

आब – ए – आइना (दर्पण की चमक) में न उलझ, अपनी सीरत पर कर गौर

सूरत है चार दिन की चांदनी , सीरत ताउम्र की सौगात

 

6.

आत्मा के उत्सव की इबारतें करें रोशन

क्यूं कर ये जिन्दगी, जिन्दगी को मोहताज़ हो

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