Friday, 3 May 2019

चंद एहसास



1

खुद को कहते थे वो खुदा का नूर 
ये उनका अहं था या उनका गुरूर 

खुदा का बन्दा कहलाने का था उनको अजब शुरूर 
दो चार गम क्या मिले , सारा नशा उनका हो गया काफ़ूर 





हाले दिल अपना उनको सुनाएँ तो न सुनाएँ क्यूं 
अपनी तन्हाइयों से उनको मिलाये तो न मिलाएं क्यूं 
वीरानियों का अजब मंज़र उन्हें दिखाएँ तो न दिखाएँ क्यूं 
उन्हें उनकी खूबसूरती का एहसास कराएं तो न कराएं क्यूं



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