Thursday 24 January 2019

अपनी साजिशों से कभी , किसी को रुलाना नहीं



अपनी साजिशों से कभी , किसी को रुलाना नहीं


अपनी साजिशों से कभी , किसी को रुलाना नहीं
किसी के आंसुओं पर , अपनी खुशियों का आशियाँ सजाना नहीं

किसी के दामन को , अपनी साजिशों से नापाक न करना
किसी को गम देकर , अपनी खुशियों का आशियाँ सजाना नहीं

किसी के आँगन का चराग, अपनी नापाक साजिशों से बुझाना नहीं
किसी के जनाजे पर , अपनी खुशियों का आशियाँ सजाना नहीं

किसी की हसरतों को , अपनी नापाक साजिशों से मिटाना नहीं
किसी के सुलगते दामन पर, अपनी खुशियों का आशियाँ सजाना नहीं

चंद सिक्के देकर , किसी की खुशियों को खरीदना नहीं
किसी को गम के पालने में सुलाकर , अपनी खुशियों का आशियाँ सजाना नहीं

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