तू अज़ीज़ है मुझको
तू अजीज है मुझको , तेरा शुक्रिया ऐ मेरे खुदा
तेरे करम तेरी नवाज़िश का , शुक्रिया ऐ मेरे खुदा
मेरी आरज़् है , तेरी आँखों का नूर हो जाऊं
आशिक हूँ मैं तेरा, तुझसे मुहब्बत है मुझको
मेरी आरज़ू मेरी कलम को , रौशनी हो नसीब
तू अजीम है , इस बात से वाकिफ हूँ मेँ
मुझे गुमनाम न कर , एक नाम दे मुझको
मेरी कलम का गुजारा , एक तेरी इबादत से हो गुजरे
ये गुजारिश है मेरी, अपना अजीज कर मुझको
कभी गर्दिश में न हों, किस्मत के सितारे मेरे
मेरा भी एक मुकाम , एक मंजिल हो इस जहां में
अपने गुलिस्तां का एक , खूबसूरत गुलाब कर मुझको
मेरी कलम के हर अलफ़ाज़ का अंजाम , इबादत हो तेरी
मेरी कलम को अपनी पनाह में , और अपनी आगोश में ले मुझको
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