Monday 28 May 2018

जिन्दगी

जिन्दगी

कभी आह जिन्दगी, तो कभी वाह जिन्दगी
कभी सूखे झरनों का सच, तो कभी सरिता का बहाव जिन्दगी

कभी पूनम का चाँद, कभी अमावस का चाँद जिन्दगी
कभी कल - कल करती कालिंदी का एटसास, कभी मरुथल में जल की थाह जिन्दगी

कभी मधुर संगीत का आभास जिन्दगी, कभी बेसुर होती बयार जिन्दगी
कभी ऑगन का गुलाब जिन्दगी, कभी मरुथल में खुशबू का अभाव जिन्दगी

कभी किताबों में समाई “puzzles” सी जिन्दगी , कभी “riddles” सी उलझती जिन्दगी
कभी नन्ही मुस्कान का आभास जिन्दगी , कभी किसी की सिसकती साँसों का दर्द
जिन्दगी

कभी अखबार का समाचार जिन्दगी, कभी सुविचारों का आगाज़ जिन्दगी
कभी गमों का पहाड़ जिन्दगी, कभी मनोहर श्रृंगार जिन्दगी

कभी अल्फाज़ों का आगाज़ जिन्दगी, कभी शायरों का अंदाज़ जिन्दगी
कभी जो रूठ जाए अपने , अपनों को मनाने का अंदाज़ जिन्दगी

कभी आफ़ताब सी रोशन हो जिन्दगी , कभी धूल भरी आंधी जिन्दगी
कभी आरजू का समंदर होती जिन्दगी, कभी शांत झरनों का एहसास जिन्दगी

कभी इनकार तो कभी डइकरार जिन्दगी, कभी डबादत तो कभी एहसास जिन्दगी
कभी गीतों सी तो कभी ग़ज़ल सी जिन्दगी , कभी जो रूठ जाए तो नरक सी जिन्दगी

कभी नज़्म बन रोशन हो जिन्दगी, कभी गीतों की मधुर तान जिन्दगी
कभी पाकीज़ा इबादत है जिन्दगी, कभी उस खुदा की नवाज़िश है जिन्दगी

जिन्दगी को जीना है तो जीने का अंदाज़ जिन्दगी , कभी दूसरों का दर्दे - एहसास
जिन्दगी
कभी उस खुदा की पनाह जिन्दगी , फूलों सा खिलों तो उपवन है जिन्दगी,
कॉटों सा जो बिखरे तो बेज़ार जिन्दगी




No comments:

Post a Comment