Saturday, 18 November 2017

मानुषिक प्रवृत्तियों की निवृति में है आनंद

मानुषिक प्रवृत्तियों की निवृति में हैं आनंद

मानुषिक प्रवृत्तियों की निवृति में हैं आनंद
सुख - दुःख का मंथन और जीवन का अमृत

संवेदनाएं खोलतीं  सुख के द्वार
स्वयं पर कितना विश्वास और कितना आत्मविश्वास

समृद्धि और सुख का भीषण द्वंद
कर्म भी सुख का सूचक 

समर्पण और प्रेम , सुख का पर्याय
'तलाशिये सुख का एक बीज , अपने प्रयासों से

जितना बड़ा संघर्ष , उतना बड़ा सुख
सुख की सीढ़ियों का अंत नहीं

'फिर भी तलाश , एक मुट्ठी भर सुख की
है यहीं कहीं , हमारे आसपास

हमारी कोशिशों में , हमारे प्रयासों में
संवेदनाओं में , हमारे मानव प्रेम में

आओ खोजें उस सुख को , उस असीम सुख को
हमारे प्रयासों , हमारी कोशिशों की परिणति के रूप में




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