हम गीतों में गुनगुनाएं चलो ( ग़ज़ल )
हम गीतों में गुनगुनाएं चलो
दो पल को ही मुस्कराएं चल्रो
जिन्दगी को यूं न करें नासूर
किसी को दो पल को हंसाएं चलो
गीतों मैं बंदगी का दिखे असर.
उस खुदा को मनाएं चलो
किस्सा - ए - जिन्दगी को करें रोशन
इस जिन्दगी से रिश्ता बनाएं चलो
वक़्त ने दिए हैं गम बहुत
ग़मों को खुशियों का आइना दिखाएँ चलो
'छिलेंगे फू तेरी राहों में भी
किसी के सूने ऑँगन मैं दीपक जलाएं चलो
ये आरजू हैं खुदा का करम हो हम पर.
किसी रोते को हंसाएं चलो
अनजान रिश्तों में भी ढूंढें प्यार की खुशबू
प्यार का एक खुशनुमा समंदर सजाएं चलो
हम गीतों में गुनगुनाएं चलो
दो पल को ही मुस्कराएं चल्रो
जिन्दगी को यूं न करें नासूर
किसी को दो पल को हंसाएं चलो