जब आप उड़ने के लिए पैदा हुए हैं तो रेंगते हो क्यूं
'जब आप उड़ने के लिए पैदा हुए हैं तो , रेंगना चाहते हो क्यूं
'जब आप जीने के लिए पैदा हुए हैं तो , मरना चाहते हो क्यूं
अपनी खुशियों को बॉट दूसरों के ग़मों का हिस्सा ,बनते नहीं हो क्यूं
क्यों भटकते हो यहाँ से वहां , खुदा की राह पर चलते नहीं हो क्यूं
जिन्दगी चार दिनों का मेला, तो इसे जीते नहीं हो क्यूं
खुदा के बन्दों की खिदमत को, खुदा की इबादत समझते नहीं हो क्यूं
पाक दामन की आरज़ू लिए, इस दुनिया में जीते नहीं हो क्यूं
किसी ग़मगीन के ज़ख्मों पर, मरहम लगाते नहीं हो क्यूं
मुसीबतों के इस दौर में , रिश्तों की लॉ जलाते नहीं हो क्यूं
खुद को कहते हो इंसान फिर, संस्कारों से नाता बनाते नहीं हो क्यूं
चार दिन की जिन्दगी मैं , इबादत को मज़हब बनाते नहीं हो क्यूं
खुद को एक अदद , चाँद सा रोशन बनाते नहीं हो क्यों
'जब आप उड़ने के लिए पैदा हुए हैं तो , रेंगना चाहते हो क्यूं
'जब आप जीने के लिए पैदा हुए हैं तो , मरना चाहते हो क्यूं
अपनी खुशियों को बॉट दूसरों के ग़मों का हिस्सा ,बनते नहीं हो क्यूं
क्यों भटकते हो यहाँ से वहां , खुदा की राह पर चलते नहीं हो क्यूं
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