१.
'एक दूसरे के गम में , हम साथ न थे कभी
दोस्ती का जाम . यूं ही पिये जा रहे हैं हम
२.
दुश्मनी का दंझ भर रहे हैं, जो कभी हुआ करते थे दोस्त
दोस्ती भी खूब निभाई , चलो अब दुश्मनी की बारी हैं
3.
खुद पर तू न इतरा खुद पर न तू गुमान कर
'फलक से फर्श पर आने में, वक़्त कहाँ लगता हैं
4.
अपनी कोशिशों के जोर से , खुद को फलक पर बिठा के देख
कोशिशों से मुंह फेरने वालों का, खुदा भी सगा नहीं होता
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