Sunday, 22 January 2012

मातृभूमि

मातृभूमि
उसकी आँखों का पानी सूख चुका था
उसकी मरमरी बाहें आज भी
इंतजार कर रही हैं उसका
जो गया तो फिर वापस नहीं आया
ये उसका पागलपन नहीं
उसकी आत्मा की आवाज है
जो बरबस ही दरवाजे की और
ढकेल देती है उसे
इन्तजार है उसे उस पल का
जो उसे टूटने से बचा ले
ये उसका पुत्र प्रेम है जिसने
उसने अंदर तक विव्हल किया है
वो गया था कहकर
जीतूंगा और वापस लौटूंगा
सियाचिन की वादियों में
लड़ा वो वीर बनकर
दुश्मनों को पस्त कर
फिर निढाल हो शांत हो गया
पहन तिरंगा कफ़न पर
मातृभूमि पर न्योछावर
परमवीर बन गया वह ....

भजन

भजन
बोलो रे बोलो बोलो
राधे गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
कृष्ण गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
कन्हैया गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
बांसुरी गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
मुकुट गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
गिरधर गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
यशोदा गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
देवकी के लाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
नन्द के गोपाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
वासुदेव के लाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
सुदामा बाल बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
मोर मुकुट घनश्याम बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
गोवर्धन घनश्याम बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
राधा के श्याम बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
मीरा घनश्याम बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
कृष्ण चारों धाम बोलो
बोलो रे बोलो बोलो
राधे गोपाल बोलो

सत्य वचन अनमोल वचन

सत्य वचन अनमोल वचन


सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन मुखरित हो जब पुष्प खिला जाता है

सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म प्रेरणा स्रोत जब बन जाता है

सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन सत्य राह जब निर्मित कर जाता है

सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म परम कर्म जब हो जाता है

सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन परम धर्म जब बन जाता हैं

सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म जब सामाजिकता पा जाता है

सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन जब मानव मुक्ति साधन हो जाता है

सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म जब पाप कर्म को धो जाता है

सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन जब मानव मन पर छा जाता है


सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म जब धर्म प्रेरित कर्म बन जाता है


सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन जब मानव का तारक हो जाता है



सत्य कर्म अनमोल कर्म कब हो जाता है
सत्य कर्म जब मानव कल्याण हित हो जाता है


सत्य वचन अनमोल वचन कब हो जाता है
सत्य वचन साधारण को असाधारण कर जाता है


सत्य वचन अनमोल वचन हर पल होता है
सत्य कर्म अनमोल कर्म हर छण होता है
मानव पूर्ण तभी होता है
जब वह दोनों के सत्संग होता है








वह अनाथ बालक

वह अनाथ बालक
टोह में जीवन की
चला जा रहा है
उन अँधेरी गलियों में
जो जीवन का पता
बताने में सक्षम हैं

उसके मन में
जीवन जीने की
अथाह चाहत और
कुछ कर गुजरने का पागलपन
उसे इस राह पर
कुछ उम्मीद से ले आया है

साहस का दमन पकड़
कुछ कह सकूं
इस असभ्य समाज से
जो कुछ देने से पहले
दस बार सोचता है
दस बार तोलता है

वह कहता है
इसमें समाज का कोई दोष नहीं
लोगों के व्यवहार ने
स्वयं की हार ने उसे
इस तरह सोचने को 
विवश किया है

पर बालक का जूनून
उसे एकला चालो रे
के पथ पर  आगे
बढ़ने को प्रेरित करता है

राह पर बढ़ते चलो
मंजिल मिल ही जायेगी
साथी मिलें न मिलें
राह खुद ब खुद बन जायेगी

जरूरत है कदम बढ़ाने की
उस और जाने की
जहाँ चाँद मिलता है
जिसकी रोशनी में
सारा जग दमक उठता है

वह बढ़ता जा रहा है
आसमां उसके करीब
वह दूसरों के लिए
पथ प्रदर्शक बन गया है
जीवन उसका संवर गया है
यह कुछ और नहीं
परिश्रम व लगन की कहानी है
हर सफल व्यक्ति की जुबानी है
उनकी ही कहानी है



पाना है तुमको

पाना है तुमको
पाना है तुमको आसमान जमीं पर
सींचना है तुमको आदर्श जमीं पर

खिलना है तुमको फूल बन बगिया के
रहना है तुमको आदर्श बन जमीं पर

जियो संकल्प के झंडे तले ,मरो तो वतन पर
लाना है तुमको ,आसमां के तारे जमीं पर

चमकना है तुमको ,बन तारे जमीं पर
पाना है तुमको राह सत्य की

जीना है तुमको कर्म प्रधान होकर
किस्मत के धनी हो सकते हो तुम

जीवन जीने के लिए ,हो सके तो जियो यहीं पर
काफिलों को छोड़ पीछे ,सत्य पथ पर आगे बढ़ते

निर्मित करना है तुमको भी, सत्य मार्ग इसी जमीं पर
खोने की चिंता न करना, पाना है तुमको सब कुछ यहीं पर

परवाह किसको है तूफां की, जीत ले दुनिया यहीं पर
चमकेगा तू तारा ध्रुव बनकर भक्तिमार्ग का आचमन कर

विश्व मंडल में खिलेगा पुष्प गंध तू लेकर
करेगा मातृभूमि को सर्वस्व समर्पित पुण्य यादें बन जियेगा

पाना है तुमको आसमान जमीं पर
सींचना है तुमको आदर्श जमीं पर

खिलना है तुमको फूल बन बगिया के
रहना है तुमको आदर्श बन जमीं पर