एक दिन अचानक
एक दिन अचानक बदल गयी
थी जिन्दगी मेरी
कलम के दीदार से रोशन
हो गयी थी जिन्दगी मेरी
“सत्य” विषय पर चंद
पंक्तियों से हुआ था आगाज़
फिर न रुकी , बढ़ चली
बढ़ चली कलम मेरी
भावनाओं का एक समंदर
हुआ रोशन
विचारों को दिशा मिली
, रोशन हो गयी जिन्दगी मेरी
संवेदनाओं की बह
निकली अनवरत धारा
मानवतावादी विचारों
से परिपूर्ण हो गयी जिन्दगी मेरी
बदल गए मायने और मकसद
भी जिन्दगी के
विचारों से पोषित एक
कलम ने , बदल दी जिन्दगी मेरी
सिसकती साँसों का साथ
लिए जी रहे थे रिश्ते
रिश्तों का
इन्द्रधनुष , रोशन करने की , पूरी हुई ख्वाहिश मेरी
दुनिया की भलाई में
करता रहा खुशियों की तलाश
एक अदद कला ही हुई
खैरख्वाह जिन्दगी की मेरी
विचारों का एक
खूबसूरत समंदर हुआ रोशन
सज गया एक कारवाँ ,
रचनाओं का मेरी
किस्से बयाँ हुए दिल
की गहराइयों से
विचारों का एक आसमां
हुआ रोशन , कलम से मेरी
हुए सभी सपने साकार ,
एक कलम के जोर से
पीर दिल की मिट गयी ,
रोशन हुई जिन्दगी मेरी
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