मुमकिन है
जिस सुबह का बड़ी बेसब्री से
किया मैंने बरसों इंतज़ार
मुमकिन है उस सुबह का आगाज़
होगा एक दिन
मेरी भी जिन्दगी का गुलशन
होगा गुलज़ार
मुमकिन है मेरे भी ख़्वाब
होंगे साकार एक दिन
मेरे प्रयासों को भी नसीब होगी
वो खुशनुमा सुबह
मुमकिन है मेरी कोशिशें रंग
लायेंगी एक दिन
चूम लूंगा अपनी मंजिल अपनी
कोशिशों के दम से
मुमकिन है मेरी भी खुशियों
का सूरज रोशन होगा एक दिन
जीत जाऊंगा जंग जिन्दगी की
खुद पर भरोसा कर
मुमकिन है रोशन जिन्दगी का
सफ़र होगा एक दिन
कुछ गीत लिख जाऊंगा ,
लाऊँगा चेहरों पर नूर
मुमकिन है मुस्कराहटों का
समंदर रोशन कर जाऊंगा एक दिन
मेरी कलम होगी मेरी मंजिल
का हमसफ़र
मुमकिन है खुशनुमा गीतों का
उपवन सजा जाऊंगा एक दिन
रंग लाएगी मेरी कोशिशें ,
होंगी मेरी मंजिल का हमसफ़र
मुमकिन है खुशियों के गीतों
का समंदर रोशन कर जाऊंगा एक दिन
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