हे दयालु, दया के सागर
है दयालु, दया के सागर , शक्ति का संचार हो तुम
पावन कर दो हम सब को प्रभु , मुक्ति का आधार हो तुम
जगत को तुम पालते प्रभु, जीवन ज्योति विस्तार हो तुम
कर्तव्य राह तुम प्रभु दिखाते, सुकर्म का आधार हो तुम
वात्सल्य से पुष्पित करते, संस्कृति का विस्तार हो तुम
मातृत्व से रोशन जीवन , संस्कारों का आधार हो तुम
आस्तिकता से पोषित करते, सौभाग्य का विस्तार हो तुम
रिश्तों को तुम सत्य बताते, प्रेम का आधार हो तुम
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