Friday, 6 May 2016

विश्व का आधार हो तुम


विश्व  का आधार हो तुम

विश्व का आधार हो तुम,
 शांति का आभास हो तुम

जी रहे जो पुण्य होकर,
 आस्था और विश्वास हो तुम

है दयामय, हे उपकारी,
 मानवता का विस्तार हो तुम

है हिमालय--शिखर वासी,
 जीवन का आधार हो तुम

देवत्व का आभास हो तुम, 
ऐश्वर्य का वरदान हो तुम

है जगत आधार मेरे प्रभु
 सत्कर्म का विस्तार हो तुम

आस्तिक हों विचार मेरे,
 धर्म का सार हो तुम

मिले सबको तेरी चरण रज , 
मोक्ष का आधार हो तुम

करो सबका भाग्य रोशन, 
सौभाग्य का विस्तार हो तुम

चीर दो तम को इस जहाँ से,
 पुष्पित जीवन विस्तार हो तुम



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