Wednesday 9 May 2012

ज़िन्दगी
ज़िन्दगी मुझे तुझे पाना है
तुझे ही ज़िन्दगी
पाने के रास्ते
मुझे बताना है
चलूँ किस राह पर
कि मानवता शर्मशार न हो
कहूँ क्या बात कि
किसी का दिल
बेजार न हो
ज़िन्दगी मुझे तुझे पाना है
तुझे ही मुझे ज़िन्दगी
पाने के रास्ते बताना है
ज़िन्दगी तुझे क्या रंग दूं
कि तारे जगमगा उठें
तुझे क्या ढंग दूं
कि सारा जग खिलखिला उठे
किस फूल का साथ लूं
कि गुलशन बहार हो जाए
ज़िन्दगी मुझे तुझे पाना है
तुझे ही मुझे ज़िन्दगी
पाने के रास्ते बताना है
क्या करूं कि
सबके दिल में उतर जाऊं
कैसा दिखूं कि
सबकी आँखों का नूर हो जाऊं
दे ऐसे अलंकरण कि
दूसरों का आदर्श बन जाऊं
बिछा दे राह में मोती
कि सब पर सर्वस्व लुटाऊँ
ज़िन्दगी मुझे तुझे पाना है
ज़िन्दगी पाने के रास्ते
तुझे ही मुझे बताना है
क्या  दूं किसी को
कि किसी कि
ज़िन्दगी में बहार आ जाए
मानवता मानवता रहे
ज़िन्दगी ज़िन्दगी रहे
मौत पतवार हो जाए
मौत पतवार हो जाए
ज़िन्दगी मैंने तुझे
पा लिया है                 
तूने मुझे ज़िन्दगी
पाने के रास्ते बता दिया है
ज़िन्दगी मैंने तुझे
पा लिया है
ज़िन्दगी मैंने तुझे
पा लिया है


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