वक़्त जब भी हाथ से फिसल जाता है
अनगिनत घावों का समंदर दे जाता है
जब भी वक़्त को काबू में रखा जाता है
सफलताओं का कारवाँ रोशन हो जाता है
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
वक़्त जब भी हाथ से फिसल जाता है
अनगिनत घावों का समंदर दे जाता है
जब भी वक़्त को काबू में रखा जाता है
सफलताओं का कारवाँ रोशन हो जाता है
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
जीवन में संस्कार ठीक उसी तरह जरूरी हैं जिस तरह शरीर में आत्मा l संस्कारित चरित्र समाज के लिए धरोहर होते हैं वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श स्थापित करते हैं l
आपकी स्वयं के प्रयासों से अर्जित की गई ऊर्जा को अपनी अमानत बनाएं l इसे सही दिशा में उपयोग करें और अपने सपने साकार करें l इस ऊर्जा को अवसरवादी लोगों पर खर्च ना करें l आपका स्वयं का विकास आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए l
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
मनुष्य का अवसरवादी होना उसके अति महत्वाकांक्षी होने को परिलक्षित करता है l इस प्रकार के मनुष्य समाज के लिए नासूर होते हैं l
जनता के वोट के साथ धोखा आज आम बात हो गयी है l इसलिए जनता को दल बदलने वाले नेताओं का पूर्ण बहिष्कार करते हुए अपने वोट को ऐसे नेता को देना चाहिए जो अपना वचन पूर्ण सत्यता के साथ निभाए और जनता के हित को सर्वोपरि समझे l
जागो वोटर जागो l