मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
किसी का अपनापन जिन्दगी में खुशियों के रंग भर देता हैफूलों सी महक उठती है जिन्दगीग़मों से कोसों दूर कर देता है |
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