अंतिम सत्य ये , मैंने जाना
अंतिम सत्य , ये मैंने जाना
चार कन्धों पर होगा जाना
क्या लाया था, क्या ले जाना
क्यूं करें हम , कोई बहाना
छूट जायेगी जमीं , छूट जाएगा आसमां
रह जायेंगे यहाँ , तेरी यादों के निशाँ
क्या पराया, क्या कोई अपना
तेरे कर्मों से , रोशन होगा तेरा आशियाना
छूट जायेंगे सारे अभिनंदन , सारे पुरस्कार तेरे
रह जाएगा यहाँ , तेरे सत्कर्मों का खजाना
क्यूं कर भागते रहें हम , सपनों के पीछे
सपनों की चाह में खुद को, अपनी ही निगाह में नहीं है गिराना
करना हो तो करो रोशन , इंसानियत का परचम
जाने के बाद उस खुदा से, निगाह भी तो है मिलाना
उस खुदा की शागिर्दगी को , अपना मकसद कर
क्यूं कर उस खुदा के दर पर , है जाकर ठोकर खाना
अंतिम सत्य ये , मैंने जाना
चार कन्धों पर होगा जाना
क्या लाया था, क्या ले जाना
क्यूं करें हम , कोई बहाना
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