Sunday 18 October 2020

वक़्त के कैनवास पर

 वक़्त के कैनवास पर     


वक़्त के कैनवास पर जिन्दगी का

एक हसीं कोलाज हो रोशन

 

प्रेम के हवनकुंड में विश्वासरूपी

आहुति से जिन्दगी हो रोशन

 

रिश्तों की मर्यादा से सामाजिक परिवेश का

एक खुशनुमा गुलशन हो रोशन

जिन्दगी का प्रेमराग जिन्दगी के

हर पल को करें रोशन

 

प्रकृति के अलंकरणों से कायनात की

हर एक रूह हो रोशन

 

मुहब्बत की खुशबू से

हर एक आँगन का आँचल हो रोशन

 

वात्सल्य की पावन अनुभूति से

हर एक माँ का आँचल हो रोशन

 

सत्य की राह से जिन्दगी के

मोक्ष की राह हो रोशन


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