Wednesday, 10 April 2019

क्यूं न हम किये वादे निभाकर देखें


क्यूं न हम किये वादे निभाकर देखें

क्यूं न हम किये वादे निभाकर देखें
क्यूं न हम रूठे रिश्ते मनाकर देखें

क्यूं न हम किसी के ग़मों को चुराकर देखें
क्यूं न हम किसी के लब पर मुस्कान लाकर देखें

क्यूं न हम इस कायनात की हर एक चीज से मुहब्बत कर देखें
क्यूं न हम इस गुलशन को रोशन कर देखें

क्यूं न हम कुछ गीत मुहब्बत के लिखकर देखें
क्यूं न हम उस खुदा की इस दुनिया से मुहब्बत कर देखें

क्यूं न हम रिश्तों को पाकीजगी अता कर देखें
क्यूं न हम अपनों को अपना कहकर देखें

क्यूं न हम इस कायनात का आलिंगन कर देखें
क्यूं न हम इस जहां को उपवन सा रोशन कर देखें

क्यूं न हम किये वादे निभाकर देखें
क्यूं न हम रूठे रिश्ते मनाकर देखें

क्यूं न हम किसी के ग़मों को चुराकर देखें
क्यूं न हम किसी के लब पर मुस्कान लाकर देखें


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