Monday 3 September 2018

असंभव को संभव कर


असंभव को संभव कर

असंभव को संभव कर, महानायक बनो
कुछ दर्द चुनो, कुछ अश्रू चुनो
किसी की साँसों का मरहम बनो
असंभव को संभव कर महानायक बनो

कुछ मानव प्रेम के मूल्य रचो
कुछ जीवन मूल्य के गीत रचो
कुछ त्याग के सुख की सोचो  
असंभव को संभव कर महानायक बनो

नवजागरण के नायक बनो
सत संदेशों की रचना करो
ज्ञान के आलोक से स्वयं को पुष्पित करो
असंभव को संभव कर महानायक बनो

उनके जीवन की दास्ताँ सुनो
कटे पंखों के साथ विचार रहे जो
सत्याग्रह को जीवन का अस्त्र करो
असंभव को संभव कर महानायक बनो

असंभव को संभव कर, महानायक बनो
कुछ दर्द चुनो, कुछ अश्रू चुनो
किसी की साँसों का मरहम बनो
असंभव को संभव कर महानायक बनो


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