हमको तुम समझाओ न
हमको न समझाओ तुम , हमें न
यूं बहलाओ तुम
हमको तुम चंचल न समझो ,
कर्तव्य राह बतलाओ तुम
हम तो हैं माटी के ढेले,
रूप हमें दिखलाओ तुम
हम क्या जानें सच और झूठ ,
सच की राह बतलाओ तुम
तन से कोमल, मन से पावन,
हमको खुद से मिलाओ तुम
छू सकें आसमां हम भी, ऐसी
राह दिखाओ तुम
हमको भी प्यारी है मंजिल ,
सही राह दिखलाओ तुम
गीत बनकर सजें लबों पर,
संगीत से हमें सजाओ तुम
पावन हो जाएँ मन हमारे, मन
में संस्कार जगाओ तुम
धर्म पथ पर बढ़ चलें हम,
धर्म की राह दिखाओ तुम
हमको भी है प्यारा आसमां,
मंजिल का मर्म समझाओ तुम
हम भी करें इस धरा को पावन,
हम पर विश्वास दिखाओ तुम
हम हैं नन्हे – नन्हे बालक,
सुन्दर हमें बनाओ तुम
सबके दिलों पर राज़ करें हम,
ऐसा हमें बनाओ तुम
हमको न समझाओ तुम , हमें न यूं बहलाओ तुम
हमको तुम चंचल न समझो ,
कर्तव्य राह बतलाओ तुम
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