Monday 15 May 2017

चंद नए एहसास - मुक्तक

१.

तेरे चेहरे में खुदा का अश्क़ नज़र आता है

तेरी मुहब्बत को खुदा की इबादत कहूं या कुछ और कह दूं 

तेरे पहलू! मैं दो पल गुजारूं तो दिल को करार आये 

इसे तेरे इश्क का जूनून कहूं या फिर कुछ और कहूं


२.


तेरी खूबसूरती पर कोई गीत लिखूं या ग़ज़ल कोई

बला की खूबसूरती से नवाज़ा है खुदा ने तुझको


3.


इतिहास के पन्‍नों को कुरेदोगे , तो दर्द पाओगे

नारी व्यथा, सती प्रथा, जौहर और भी बहुत कुछ

4.


यादों में बसाकर रख लो , जिन्दगी के हर खुशनुमा पल

ग़्मों से निज़ात दिला देंगी , तुझको ये खुशनुमा यादें

5.


चलो एक सफ़र, परिंदों के देश का कर देखें

जहां न होता धर्म, न आतंक और न ही आतंकवाद


६.

मैं खुशबू में , खुशबू मुझमे समा जाए

चलो किसी उपवन की सैर कर आयें



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