माँ शारदे :- कृपा तेरी - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम " की रचनाओं, कहानियों , विचारों का संसार
मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
Wednesday, 14 May 2025
Sunday, 11 May 2025
आओ दर्द मिटायें
आओ दर्द मिटायें
उन जीवित सिसकती सांसों का
जो जीवित होते हुए भी जीवित नहीं हैं I
आओ दर्द मिटायें
उन भीगी आंखों का
जो ना चाहते हुए भी ग़मगीन हैं I
आओ दर्द मिटायें
उस सिसकते बालपन का
जो अभावों से ग्रसित हैं I
आओ दर्द मिटायें
उस बेबस चहरों की थकान का
जो चीथड़ों में लिपटे हुए हैं I
आओ दर्द मिटायें
उन जीवित रूहों का
जो जीवन को तरस रही हैं I
आओ दर्द मिटायें
उस मुस्कान रहित बालपन का
जो अथाह पीड़ा से ग्रसित है I
आओ दर्द मिटायें
उन तड़पती जीवित आत्माओं का
जो रोगों से ग्रसित हैं I
हर एक शख्स का , आशियां हो रोशन
हर एक शख्स का , आशियां हो रोशन
हर एक शख्स के , दिल मे हो सुकून I
हर एक शख्स की , पाकीजा हो शख्सियत
हर एक शख्स की , निगाह में हो मुहब्बत I
हर एक शख्स को मिले , मुहब्बत की छाँव
हर एक शख्स की , आँखों में हो शराफत I
हर एक शख्स का , उस खुद पर हो यकीन
हर एक शख्स का , इंसानियत पर हो यकीन II
अफवाहों का बाजार गर्म है
अफवाहों का बाजार गर्म है
ज़रा संभलकर रहना
खुद के हौसले बुलंद रखना
यूँ ही किसी पर यकीन ना करना
पीर देंगे तुझे अपने ही
केवल खुद पर ही यकीन करना
Tuesday, 6 May 2025
विचार
विचार
तुम्हारे द्वारा किए गए सत्कर्म ही तुम्हारा धर्म है, जिस दिन इस बात का तुम्हें बोध हो जाएगा उस दिन मानव धर्म तुम्हारे लिए सर्वोपरि हो जाएगा l सारे द्वेष मिट जाएंगे और तुम खुद को उस परमात्मा के समीप पाओगे l
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
विचार
विचार
तुम्हारे द्वारा किए गए सत्कर्म ही तुम्हारा वास्तविक धर्म है इस बात का जिस दिन तुम्हें बोध हो जाएगा उस दिन मानव धर्म तुम्हारे लिए सर्वोपरि हो जाएगा l तुम्हारे सारे क्लेश समाप्त हो जाएंगे और तुम खुद को उस परमात्मा के बहुत समीप पाओगे l
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम