Sunday, 11 May 2025

अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम" के 15 बेहतरीन विचार

आओ दर्द मिटायें

 आओ दर्द मिटायें

उन जीवित सिसकती सांसों का
जो जीवित होते हुए भी जीवित नहीं हैं I

आओ दर्द मिटायें
उन भीगी आंखों का
जो ना चाहते हुए भी ग़मगीन हैं I

आओ दर्द मिटायें
उस सिसकते बालपन का
जो अभावों से ग्रसित हैं I

आओ दर्द मिटायें
उस बेबस चहरों की थकान का
जो चीथड़ों में लिपटे हुए हैं I

आओ दर्द मिटायें
उन जीवित रूहों का
जो जीवन को तरस रही हैं I

आओ दर्द मिटायें
उस मुस्कान रहित बालपन का
जो अथाह पीड़ा से ग्रसित है I

आओ दर्द मिटायें
उन तड़पती जीवित आत्माओं का
जो रोगों से ग्रसित हैं I

हर एक शख्स का , आशियां हो रोशन

 हर एक शख्स का , आशियां हो रोशन

हर एक शख्स के , दिल मे हो सुकून I

हर एक शख्स की , पाकीजा हो शख्सियत
हर एक शख्स की , निगाह में हो मुहब्बत I

हर एक शख्स को मिले , मुहब्बत की छाँव
हर एक शख्स की , आँखों में हो शराफत I

हर एक शख्स का , उस खुद पर हो यकीन
हर एक शख्स का , इंसानियत पर हो यकीन II

अफवाहों का बाजार गर्म है

अफवाहों का बाजार गर्म है 

ज़रा संभलकर रहना

दुश्मन यहीं कहीं है आसपास

ज़रा संभलकर रहना

खुद के हौसले बुलंद रखना

यूँ ही किसी पर यकीन ना करना

पीर देंगे तुझे अपने ही

केवल खुद पर ही यकीन करना

Tuesday, 6 May 2025

विचार

 विचार

तुम्हारे द्वारा किए गए सत्कर्म ही तुम्हारा धर्म है, जिस दिन इस बात का तुम्हें बोध हो जाएगा उस दिन मानव धर्म तुम्हारे लिए सर्वोपरि हो जाएगा l सारे द्वेष मिट जाएंगे और तुम खुद को उस परमात्मा के समीप पाओगे l

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

विचार

 विचार

तुम्हारे द्वारा किए गए सत्कर्म ही तुम्हारा वास्तविक धर्म है इस बात का जिस दिन तुम्हें बोध हो जाएगा उस दिन मानव धर्म तुम्हारे लिए सर्वोपरि हो जाएगा l तुम्हारे सारे क्लेश समाप्त हो जाएंगे और तुम खुद को उस परमात्मा के बहुत समीप पाओगे l

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम