Thursday, 30 September 2021

रुकना नहीं है तुमको

 रुकना नहीं है तुमको

 

रुकना नहीं है तुमको, क्यूं कर है घबराना

करना है आसमां रोशन, दूर मंजिल पार जाना I

 

क्यूं कर हो डर तुझको, आँधियों का , तूफानों का

अपने आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को पतवार बनाना I

 

क्यूं कर बिखर जाएँ , तेरे सपनों के आस के मोती

खुद पर करना भरोसा, आगे को बढ़ते जाना I

 

खुद पर करना यकीं , अपनी कोशिशों को अपनी धरोहर बनाना

मिटा संशय की दीवार, खुद पर विश्वास जगाना I

 

गिरोगे तुम भी कई बार, और होगे घायल

फिर उठ खड़े होना, खुद का हौसला बढ़ाना I

 

पीर दिल की भुला, अग्रसर होते जाना

करना खुद को रोशन , मंजिल की ओर बढ़ते जाना I

 

रुकना नहीं है तुमको, क्यूं कर है घबराना

करना है आसमां रोशन, दूर मंजिल पार जाना II

पावन तेरा मंदिर, पावन तेरा द्वारा - भजन

 पावन तेरा मंदिर, पावन तेरा द्वारा

 

पावन तेरा मंदिर, पवन तेरा द्वारा

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

छवि तेरी निराली, मन मोहने वाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

तेरा रूप सबको भाये , गोवर्धन उठाने वाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

महिमा तेरी निराली , ग्वालों का रखवाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

राधा संग है जोड़ी, वंशी बजाने वाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

मोर पंख धारी , गौओं को चराने वाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

ब्रज का है जो दुलारा, कान्हा सबका प्यारा

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

चरणों में स्वर्ग तेरे. मोक्ष मार्ग दिखाने वाला

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I

 

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा

कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा II

Tuesday, 21 September 2021

तेरे चरणों में आकर

 तेरे चरणों में आकर

तेरे चरणों में आकर , संवर गया हूँ मैं

तेरे चरणों की धूलि पाकर, निखर गया हूँ मैं

रोशन हो गयी कलम मेरी, विचार मेरे
तुझसे रिश्ता निभाकर , संवर गया हूँ मैं

चंद क़दमों में ही, नसीब हो गयी मंजिल मुझको
तेरे दर को अपना बनाकर , संवर गया हूँ मैं

तेरी रहमत तेरे करम का , साया हो हम पर
तुझको अपना बनाकर , निखर गया हूँ मैं

चाँद सितारों की तमन्ना , कभी नहीं रही मेरी
तेरे करम से गीत, ग़ज़ल बनकर , संवर गया हूँ मैं

तेरा शागिर्द होकर निखर गया हूँ मैं
तुझको अपना हमसफ़र बनाकर निखर गया हूँ मैं

पीर दिल की भुलाकर , तेरे दर का हो लिया हूँ मैं
तेरी रहमत का प्रसाद पाकर , संवर गया हूँ मैं

तेरे चरणों में आकर , संवर गया हूँ मैं
तेरे चरणों की धूलि पाकर, निखर गया हूँ मैं

रोशन हो गयी कलम मेरी, विचार मेरे
तुझसे रिश्ता निभाकर , संवर गया हूँ मैं

कान्हा जी घर आये

 कान्हा जी घर आये

कान्हा जी घर आये, आये मोरे अंगना
राधाजी को संग लाये, आये मोरे अंगना

शंकर जी घर आये , आये मोरे अंगना
पार्वती को संग लाये , आये मोरे अंगना

विष्णु जी घर आये , आये मोरे अंगना
लक्ष्मी जी को संग लाये , आये मोरे अंगना

राम जी घर आये , आये मोरे अंगना
सीता मैया को संग लाये , आये मोरे अंगना

नारायण जी घर आये , आये मोरे अंगना
लक्ष्मी जी को संग लाये , आये मोरे अंगना

ब्रह्मा जी घर आये , आये मोरे अंगना
सरस्वती को संग लाये , आये मोरे अंगना

कान्हा जी घर आये, आये मोरे अंगना
राधाजी को संग लाये, आये मोरे अंगना

शंकर जी घर आये , आये मोरे अंगना
पार्वती को संग लाये , आये मोरे अंगना