Saturday 7 April 2012

चरण कमल तेरे बलि – बलि जाऊं

 चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
चरण कमल तेरे बलि – बलि जाऊं
मुझको पार लगा देना
गिरने लगूं तो मेरे मालिक
बाहों में अपनी उठा लेना
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
पुष्पक वाहन हों मेरे साथी
पुष्प भी हों मेरे सहवासी
तन को मेरे उजले मन से
जीवन सार बता देना
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
ध्यान तेरा हर पहर हो मालिक
मन मंदिर में बस जाना
पुण्य पुष्प बन जियूं धरा पर
मुझको तुझमे समां लेना
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
पुष्प समर्पित चरणों में तेरे
गीता सार बता देना
पा लूं तुझको इस जीवन में
ऐसा मन्त्र बता देना
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
पुण्य कर्म विकसित कर मालिक
चरण कमल श्रृंगार धरो तुम
खिला सकूं आदर्श धरा पर
पूर्ण जीव उद्धार करो तुम
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
चरण कमल तेरे बलि बलि जाऊं
                                                    
अनिल कुमार गुप्ता

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