Thursday, 2 August 2012

केंद्रीय विद्यालय संगठन


के वी एस
के वी एस की महिमा, लगती निराली हमें
बांधती है अपने,  बंधन में सबको

इसकी पढ़ाई देती, सम्पूर्ण ज्ञान हमें
निखारती, सभी कलाएँ बच्चों में

कभी बाल मेला ,कभी हाइक पर बच्चे
कभी पोलियो कैंप, कभी स्काउट कैंप

कभी ट्रेनिंग कैंप, कभी करिएर गाईडेंस
बच्चों को ये, ट्रैकिंग पर ले जाते हैं

कभी वाटर स्पोर्ट्स, कभी ओलम्पीआड
सभी खेलों की ,स्पोर्ट्स मीट ये कराते हैं

शिक्षकों की योग्यता ,इनकी विधा से दिखे
बच्चों को ये, इंजीनयर, डाक्टर बनाते हैं 
कभी रिफ्रेशेर, कभी ट्रेनिंग कैंप
शिक्षकों को शिक्षा के, गुर ये सिखाते हैं 

नेता अभिनेता ,सभी प्रकार के चरित्र
विद्यालय में ये ,रोज ही दिखाते हैं

कराते हैं ये पार्लियामेंट ,स्कूल प्रांगण में
बच्चों में ये ,नेतृत्व की भावना जगाते हैं

पुस्तकालय भी इनके होते हैं, नंबर वन
जहां बच्चों को, ज्ञान का भण्डार मिल जाता है

प्रोजेक्ट हो, या हो असाइनमेंट
क्षण भर में ,यहाँ पूरे हो जाते हैं

ज्ञान का प्रसार ,करते  ये लाइब्ररियन
ज्ञान के मसीहा के, रूप में जाने जाते हैं

कम फीस, अच्छी सुविधा का वादा
राष्ट्रपति ,स्काउट गाइड ये बनाते हैं

ऊँची ऊँची बिल्डिंग ,खुला मैदान देखो
धरती पर स्वर्ग ,उतार ये लाये हैं

शिक्षा पर शोध, यहाँ का नारा है
सारा विश्व ,एक परिवार हमारा है

धार्मिक एकता ,अखंडता उपरोपरि
साम्प्रदायिक एकता, उद्देश्य हमारा है

बच्चे सहयोग करें, बाद पीड़ितों के लिए
भूकंप पीड़ितों के लिए,  दंगा पीड़ितों के लिये

समाज की सेवा करना ,यहाँ बच्चों को सिखाते हैं
राष्ट्र् समर्पण की ,भावना जगाते हैं

के वी एस की महिमा, लगती निराली हमें
बांधती है अपनेबंधन में सबको

3 comments:

  1. श्री अनिल कुमार गुप्ता जी आपकी कवितायें मुझे बहुत पसंद आई.मै आपसे गुजारिश करती हूँ कि आप भविष्य में भी इसी तरह लेखन कार्य करते रहेंगे. आपके इस संकलन के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई.

    प्राची गुप्ता

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  2. Really really very appreciable. Keep it continue sir.

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  3. अति सुन्दर रचना के लिए आपको बहुत बहुत बधाई

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