Thursday 12 January 2017

हे लम्बोदर

हे लम्बोदर

हे लम्बोदर , प्रथम पूज्य तुम, कष्ट हरो हम सबके
पावन कर दो कर्म हमारे, है विघ्नहर्ता हे  मंगलकर्ता

भालचंद्र  तुम हो अति पावन, विघ्न  विनाशक भवानीनंदन
मन मंदिर में वस जाओ, हे मोदकप्रिय हे गजानन

अनुपम छवि अनुपम रूप तुम्हारा , हे लम्बोदर हे गजवदन
महिमा तुमरी सब जग जाने , भक्ति की जोत जलाओ भगवन

घर को मेरे देवालय कर दो, देकर हमकों अपने दर्शन
ये जीवन तुमको है समर्पित, एक दन्त गणपति का वंदन

इस जीवन को पावन कर दो, देकर हमकों अनुपम जीवन
अहंकार कभी हमें न छुए  , कामनाओं में न उलझे जीवन

जीवन में नव उल्लास भरों प्रभु, महके जीवन का हर क्षण
पाषाण ह्रदय  को मानव करते, कहलाते प्रथम पूज्य तुम

मूषक की तुम करो सवारी , मोदक सब व्यंजन पर भारी
आशा और विश्वास जगाओ , पूजें तुमकों सब नर-तारी

हे बुद्धि ,विद्या  के दाता, सदाचार तुमको है भाता
हम पर भी कृपा वरसाओ, हे जीवन मोक्ष के दाता

हे लम्बोदर , प्रथम पूज्य तुम, कष्ट हरो हम सबके
पावन कर दो कर्म हमारे, है विघ्नहर्ता हे  मंगलकर्ता

भालचंद्र  तुम हो अति पावन, विघ्न  विनाशक भवानीनंदन
मन मंदिर में वस जाओ, हे मोदकप्रिय हे गजानन







हे अंजनी के लाल

हे अंजनी के लाल

हे अंजनी के लाल पवनसुत . विनती सुन लो  मेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन लो  मेरी

हे कपीश हे मारुति नंदन , करो कृपा बहुतेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो  मेरी

हे राम प्रिय , हे राम भक्त , जगत में चर्चा होवे तेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो  मेरी

हे महावीर महाबजरंगी , रोशन करो तकदीर मेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी

हे पवन पुत्र, अंजनी के प्यारे, अब न करो प्रभु देरी
विनती सुन नो मेरी पबनसुत , विनती सुन लो मेरी

पर्वत को तुम चले उठाये, नश्मण की रक्षा में न हो देरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी

महिमा तेरी अजब निरानी, घर - घर पूजा होवे तेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी

अपने भक्तों की रक्षा करने , नहीं करते तुम देरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी

हे राम भक्त अति पावन, नगा दो एक फेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी

हे कपीश हे मारुति नंदन , करो कृपा बहुतेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो  मेरी

सुन्दर रूप सलोना रे कान्हा

सुन्दर रूप सलोना रे कान्हा

सुन्दर रूप सलोना रे कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
निर्मल रूप सलौना रे कान्हा , सुन्दर रूप सलीना

बंशी की मधुर धुन रे कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
गोपियाँ तुम पर मिट- मिट जाएँ, सुन्दर रूप सलोना

वुन्दावन में बसों तुम कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
रूप मनोहर मन को भाये , सुन्दर रूप सलोना

कंचन हमरी काया कर दो , सुन्दर रूप सलोना
प्रेम हमें तुमसे हो कान्हा , सुन्दर रूप सलोना

मन हर्षित मन आनंदित रे कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
मोर मुकुट सजे तुम कान्हा , सुन्दर रूप सलोना

चरणों का सेवक करो कान्हा, सुन्दर रूप सलोना
बैकुंठ धाम की सैर कराओ कान्हा , सुन्दर रूप सलोना

सुन्दर रूप सलोना रे कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
निर्मल रूप सलौना रे कान्हा , सुन्दर रूप सलीना

बंशी की मधुर धुन रे कान्हा , सुन्दर रूप सलोना
गोपियाँ  तुम पर मिट- मिट जाएँ, सुन्दर रूप सलोना



नसीब

नसीब

अपनी लालसा, अपनी अभिलाषा को
इंसानियत के परचम तले रखकर देखो

तेरे प्रयास, तेरी कोशिशों को
जन्नत सा हमसफ़र होगा नसीब

अपनी प्रसन्नता , अपनी खुशियों को
खुदा के बन्दों पर लुटाकर देखो

तुझे सुकून भरी जिन्दगी और ईमान का
खुला आसमां होगा नसीब

अपनी इबादत , अपनी कोशिशों को
अपनी जिन्दगी का खुदा कर लो

तुझे उस खुदा का करम और
उसके दर पर जन्नत होगी नसीब

अपनी लालसा, अपनी अभिलाषा को
इंसानियत के परचम तले रखकर देखो

तेरे प्रयास, तेरी कोशिशों को
जन्नत सा हमसफ़र होगा नसीब







जिन्दगी के तूफानों से


जिन्दगी के तूफानों से

जिन्दगी के तूफानों से लड़ने की ऊर्जा
स्वयं में करो विकसित

करो स्वयं को तेजस्वी
जिन्दगी के थपेड़ों से लड़ने को

अन्धकार से लड़ने को
करो स्वयं को दीप सा प्रज्जवलित

माया मोह की बेमानी दुनिया से लड़ने को
करो स्वयं को संयम से पुष्पित

धर्म राह पर बढ़ चलने को
करो स्वयं को तुम कोविद

मानवता की रक्षा करने
करो विलक्षण क्षमता से खुद को पुष्पित

जिन्दगी के तूफानों से लड़ने की ऊर्जा
स्वयं में करो विकसित

करो स्वयं को तेजस्वी
जिन्दगी के थपेड़ों से लड़ने को




जिन्दगी की धूप-छाँव

जिन्दगी की धूप-छाँव

जिन्दगी की धूप - छाँव को अपना मुकद्दस खुदा समझें
जिन्दगी में ग़मों से डरकर , पीछा छुडाएं क्यों

इस दुनिया में शोहरत के पीछे , भागते हैं लोग
खुदा की निगाह में शोहरत हो . कुछ ऐसा करें

दूसरों के महलों को , निहारने में क्या रखा है
अपना खुद का आशियाँ महलों सा रोशन हो . कुछ ऐसा
करें

'एक अजीब सी खामोशी के तले . दबे पड़े है लोग
दिल का दर्द जुबान बयाँ करने लगे, कुछ ऐसा करें

दो चार आंसू पोछ देना नाकाफी है . इस जिन्दगी के लिए
हर एक चेहरे पर खुशियाँ महके , कुछ ऐसा करें

जिन्दगी की धूप - छाँव को अपना मुकद्दस खुदा समझें
जिन्दगी में ग़मों से डरकर , पीछा छुड़ायें क्यों

इस दुनिया में शोहरत के पीछे , भागते हैं लोग
खुदा की निगाह में शोहरत हो . कुछ ऐसा करें


जब दिल की कसक

जब दिल की कसक

जब  दिल की कसक बढ़ने लगे
खुद  को संयम के शीशे  में उतारकर देखो 
.
गर तेरा संयम तेरा साथ छोड़ने लगे
खुद को उस खुदा का बनाकर देखो

अपनी पीड़ा , अपना दर्द खुद पीना सीखो
अपने दर्द को दवा बनाना सीखों

यूं ही नहीं होंगे नसीब , तुझे ईंसानियत के रखवाले
खुद के दर्द खुद मिटाना सीखो

अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी तुझे
अपने ग़मों को अपना हमसफ़र बनाना सीखो

यूं ही नहीं होती रोशन किसी की जिन्दगी
खुद का परचम खुद लहराना सीखो

इस फरेब से भरी दुनिया में मतलबी  हैं सभी.
खुद को इस फरेब से बचाना सीखो

खुद को उस खुदा की निगाह में उठाना है तो.
खुद को उस खुदा का अजीज बनाना सीखो

जब  दिल की कसक बढ़ने लगे
खुद  को संयम के शीशे  में उतारकर देखो 
.
गर तेरा संयम तेरा साथ छोड़ने लगे
खुद को उस खुदा का बनाकर देखो







चंद सिक्कों पर




गंगा




किनारे




कान्हा ने बंसी बजाई बड़ी दूर से




कफ़न