Monday 21 November 2011

बात मेरी मान लो

बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
समय पर जागोगे समय पर पढोगे  तो अच्छे नम्बरों से पास हो जाओगे
माता पिता तुम्हारे आशीर्वाद देंगे तुम्हें शहर में अपने तुम जाने जाओगे
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
समय पर जागोगे समय पर खेलोगे तो तन और मन प्रसन्न हो जाएगा
जहां से भी निकलोगे स्मार्ट दिखोगे तुम सारा जहां तुमको प्रिंस बुलाएगा
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
अपने बड़ों का सम्मान किया जो तुमने सारा जहां तुमको गले से लगाएगा
कर्त्तव्य की वादियों में जो उतर जाओगे नाम के आगे टाइटल लग जाएगा
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
सत्य की वादियों में जो उतर जाओगे तो जग में तुम्हारा नाम हो जाएगा
अपने गुरु का  सम्मान  किया जो तुमने सारा जग तुम्हारे अधीन हो जाएगा
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी

चंद अलफ़ाज़

इक दिन मेरी मज़ार पर आकर वो ये बोले
ए जाने वाले इक बार मिल के तो जाते
कुछ वादे कर जाते कुछ अफ़साने लिख जाते
दे जाते कुछ निशानियाँ मेरा घर आबाद कर जाते
                   -अनिल कुमार गुप्ता-